वाहनों से निकलने वाले धुंए के चलते व्हीकल पर्टिक्यलट मैटर यानी पीएम उत्सर्जन भी खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। इसके चलते भारत में हर साल 40 हजार लोग समय से पहले मौत का ग्रास बन रहे हैं। ऎसे में जरूरी है कि हमारी कार के साथ-साथ पर्यावरण की देखभाल करना भी हमारी आदतों में शुमार करना होगा। ज्यादा कुछ नहीं करना बस कुछ ऎसी चीजें करनी है। इन्हें अपनाक र हम ईको-फ्रेंडली रह सकते हैं और पृथ्वी को सुरक्षित रख सकते हैं। हम आपको बता रहे हैं कुछ ऎसे ही टिप्स जिन्हें अपनाकर आप अपने वाहन को पर्यावरण-हितैषी बना सकते हैं। तो आइए....
कार को करें मैनटेन
कार को ईको-फ्रेंडली रखने पहले नियम के अनुसार आप उसकी सेहत का पूरा खयाल रखें। कार की नियमित सर्विस करवाने से वह कम धुंआ उत्सर्जित करती है। कम धुंआं निकलने से पर्यावरण पर्यावरण को नुकसान कम पहुंचता है। कार को ट्यून करके उसकी क्षमता में 4 फीसदी तक का इजाफा किया जा सकता है, जबकि जाम एयर फिल्टर को बदलने से उसकी क्षमता में 10 फीसदी की बढ़ोत्तरी हो जाती है। वहीं एक खराब ऑक्सीजन सेंसर से कार का माइलेज 40 फीसदी तक कम किया जा सकता है।
कार को ईको-फ्रेंडली रखने पहले नियम के अनुसार आप उसकी सेहत का पूरा खयाल रखें। कार की नियमित सर्विस करवाने से वह कम धुंआ उत्सर्जित करती है। कम धुंआं निकलने से पर्यावरण पर्यावरण को नुकसान कम पहुंचता है। कार को ट्यून करके उसकी क्षमता में 4 फीसदी तक का इजाफा किया जा सकता है, जबकि जाम एयर फिल्टर को बदलने से उसकी क्षमता में 10 फीसदी की बढ़ोत्तरी हो जाती है। वहीं एक खराब ऑक्सीजन सेंसर से कार का माइलेज 40 फीसदी तक कम किया जा सकता है।
टायरों में हवा का रखें सही दबाव
यदि कार के टायरों में हवा का सही दबाव नहीं होने पर वे अधçक चक्र घूमते हैं जिसके चलते इंजन को अधçक काम करना पड़ता है। नतीजतन ईधन की खपत भी बढ़ जाती है। यदि कार के टायरों में हवा का दबाव सही है तो टायर लंबे समय तक चलेगें। इससें पैसों की बचत होने के साथ-साथ पर्यावरण को भी कम नुकसान पहुंचेगा।
यदि कार के टायरों में हवा का सही दबाव नहीं होने पर वे अधçक चक्र घूमते हैं जिसके चलते इंजन को अधçक काम करना पड़ता है। नतीजतन ईधन की खपत भी बढ़ जाती है। यदि कार के टायरों में हवा का दबाव सही है तो टायर लंबे समय तक चलेगें। इससें पैसों की बचत होने के साथ-साथ पर्यावरण को भी कम नुकसान पहुंचेगा।
बदलें ड्राइविंग का अंदाज
कार माईलेज काफी हद तक उसें चलाने वाले के अंदाज निर्भर करता है। कार को अचानक से रोकने-चलाने, आक्रामक होकर या झटके देकर चलाने से ईधन की खपत पर बहुत अधçक असर पड़ता है। इससें बचने के लिए कार चलाते समय एक्सीलेटर पर जरा हल्का पांव रखें साथ ही गियर भी आराम से बदलें। इसके अलावा यदि कहीं 30 सेकेंड से ज्यादा समय तक स्टॉप करना हो तो इंजन को बंद कर दें।
कार माईलेज काफी हद तक उसें चलाने वाले के अंदाज निर्भर करता है। कार को अचानक से रोकने-चलाने, आक्रामक होकर या झटके देकर चलाने से ईधन की खपत पर बहुत अधçक असर पड़ता है। इससें बचने के लिए कार चलाते समय एक्सीलेटर पर जरा हल्का पांव रखें साथ ही गियर भी आराम से बदलें। इसके अलावा यदि कहीं 30 सेकेंड से ज्यादा समय तक स्टॉप करना हो तो इंजन को बंद कर दें।
वजन कम रखें
आपकी कार जितनी भारी होगी यानि उसें जितना ज्यादा बोझा रखा होगा ईधन भी उसी हिसाब से खर्च होगा क्योंकि उसे खींचने के लिए उतने ही अधçक ईधन की जरूरत होगी। इसके लिए कार की केबिन और डिक्की में रखे बेकार के सामानों बाहर निकाल दें। इसके अलावा छत पर लगे कैरियर की जरूरत नहीं है तो उसें भी हटा दें।
आपकी कार जितनी भारी होगी यानि उसें जितना ज्यादा बोझा रखा होगा ईधन भी उसी हिसाब से खर्च होगा क्योंकि उसे खींचने के लिए उतने ही अधçक ईधन की जरूरत होगी। इसके लिए कार की केबिन और डिक्की में रखे बेकार के सामानों बाहर निकाल दें। इसके अलावा छत पर लगे कैरियर की जरूरत नहीं है तो उसें भी हटा दें।
कार धोने में करें कम पानी का इस्तेमाल
किसी भी कार को घर पर ही धोने में करीब 200 लिटर तक पानी की आवश्यकता होती है। इस पर भी ध्यान देने की जरूरत है। कार को साफ करने या धाने में कम से कम पानी इस्तेमाल करें। जहां तक हो सके कार को पहले सूखे कपड़े से साफ करें। इसके अलावा कार को धोने में बायोडिग्रेबल और सीएफसी-फ्री डिटर्जेंट का इस्तेमाल करने की कोशिस करें। आजकल बाजार में ईको-फ्रेंडली क्लीनर भी मौजूद हैं।
किसी भी कार को घर पर ही धोने में करीब 200 लिटर तक पानी की आवश्यकता होती है। इस पर भी ध्यान देने की जरूरत है। कार को साफ करने या धाने में कम से कम पानी इस्तेमाल करें। जहां तक हो सके कार को पहले सूखे कपड़े से साफ करें। इसके अलावा कार को धोने में बायोडिग्रेबल और सीएफसी-फ्री डिटर्जेंट का इस्तेमाल करने की कोशिस करें। आजकल बाजार में ईको-फ्रेंडली क्लीनर भी मौजूद हैं।
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