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Wednesday, February 20, 2013

वसंत त्योहार में पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान दिया चीनी लोगों ने - china radio international

वसंत त्योहार में पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान दिया चीनी लोगों ने
2013-02-18 18:11:59

पेइचिंग के कोहरे में ज़हरीले तत्वों की मौजूदगी का पता चला है। हाल के दिनों में चीनी विज्ञान अकादमी ने इसकी पुष्टि की। यह एक खतरनाक संकेत माना जा रहा है। कोहरा ज़्यादा घना होने के कारण चीनी जनता ने पर्यावरण संरक्षण पर ज्यादा ध्यान दिया, खासकर वसंत त्योहार के दौरान।
चीनी विज्ञान अकादमी ने हाल में कोहरे संबंधी अध्ययन के नतीजे जारी किए। पेइचिंग, थ्येनचिन और हबेइ प्रांत में कोहरे का अध्ययन करने के बाद पता चला कि उक्त क्षेत्रों के कोहरे में नाइट्रोजन के कार्बनिक कण मौजूद हैं। चीनी राष्ट्रीय जलवायु केंद्र के अनुसंधानकर्ता जांग टोंग ने संवाददाता के साथ साक्षात्कार में कहा कि नाइट्रोजन कार्बनिक कणों से अत्यधिक ज़हरीला कोहरा जमा हो सकता है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है। कोहरे में जो नाइट्रोजन के कार्बनिक कण मौजूद हैं, वे सूर्य की रोशनी या प्रकाश से मिलने के बाद रासायनिक प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं, और इससे रासायनिक कोहरा पैदा होता है। ऐसा कोहरा ज़हरीली हवा जैसा है। लोगों को सीधे नुकसान पहुंच सकता है, इस वजह से किसी व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। बताया जाता है कि नाइट्रोजन कार्बनिक कणों से पैदा हुआ रासायनिक कोहरा एक खतरनाक संकेत है। यहां बता दें कि गत् 40 और 50 के दशक में अमेरिका के लॉस एंजिल्स में रासायनिक कोहरा के चलते में 8 सौ से अधिक लोगों की मौत हुई थी। अमेरिकी सरकार की जांच के मुताबिक ज़हरीला रासायनिक कोहरा इस दुर्घटना का कारण है। इस साल वसंत त्योहार के दौरान कोहरे से परेशान चीनी जनता ने पहले की तुलना में कम आतिशबाजी की। उन्हें उम्मीद है कि इस कदम से पर्यावरण में सुधार आएगा। सुश्री जांग पेइचिंग में पटाखे बेचने का काम करती हैं। उन्होंने संवाददाता से कहा कि इस साल वंसत त्योहार के दौरान पटाखे खरीदने वालों की संख्या कम है। पिछले कई साल की तुलना में इस साल पटाखों की बिक्री अच्छी नहीं है। मैंने सिर्फ 80 से 90 हज़ार युआन के पटाखे बेचे। अब तक लागत भी नहीं निकल पाई है। इस बिज़नेस में शामिल होने, डिपॉज़िट और पटाखे खरीदने के लिए मैंने ज्यादा खर्च किया। इस हिसाब से इस साल मुनाफा नहीं होने वाला है। देखते हैं कि लालटेन महोत्सव के दौरान बिक्री कैसी होती है। मौसम इतना ठंडा है और मुनाफा भी नहीं है। अगले साल मैं यह काम नहीं करूंगी। आंकड़ों के अनुसार इस साल वंसत त्योहार के दौरान पटाखों की ब्रिक्री 40 प्रतिशत कम हुई। लोगों ने कम पटाखे जलाए। इस बारे में पेइचिंग के सफाई कर्मचारी ह्वांग को इस बात का गहरा अहसास है। उन्होंने कहा कि वंसत त्योहार के दौरान सड़कों की सफाई करना एक मुश्किल काम होता था, क्योंकि आतिशबाज़ी से अधिक कचरा पैदा होता है। लेकिन इस साल तस्वीर कुछ अलग है। सड़क की सफाई करना आसान हो गया है। इस साल कचरा कम है, पिछले साल अधिक था। और इस साल 50 फीसदी कम हो गया। पिछले चीनी नव वर्ष के पहले दिन पटाखे जलाने से पैदा हुए कचरे से तीन वाहन भरे थे, इस साल सिर्फ एक। पिछले कई सालों में सफाई के काम में पूरा दिन लगता था, लेकिन इस साल काम तीन घंटों में खत्म हो गया। आतिशबाज़ी से पर्यावरण पर बुरा असर पड़ा है। इससे बचने के लिए चीन के कई शहरों में आतिशबाज़ी का रात्रि समारोह भी रद्द किया गया। इसके बावजूद वसंत त्योहार के दौरान पीएम 2.5 वायु पर्यावरण का मुख्य कारक रहा। पर्यावरण संरक्षण विभाग का कहना है कि इस दौरान चीन के कई शहरों में वायु की गुणवत्ता खराब रही। 74 शहरों में पीएम 2.5 इन्डेक्स मापदंड से 40 प्रतिशत अधिक रहा । सबसे गंभीर शहरों में पीएम 2.5 इन्डेक्स मापदंड के 4.7 गुना पहुंचा। ऐसे में चीन के सामने पीएम 2.5 स्तर सुधारने का रास्ता अभी लंबा है।

Wednesday, February 13, 2013

गंगा का हाल देख, बेहाल हुए विजय बहुगुणा

गंगा का हाल देख, बेहाल हुए विजय बहुगुणा
- आलोक त्रिपाठी
कुंभ नगरी, बुधवार, 13 फरवरी 2013( 20:44 IST )


कुंभ नगरी। गंगा के घाट की रक्षा और गंगा को साफ करने के उदेश्य से इलाहबाद के संगम तट पर देव नगरी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा इलाहाबाद पहुंचे यहां पहुंच कर उन्होंने गंगा के हालत को लेकर चिंता जताई।

साथ ही संगम दौरे के दौरान उनको हल्का विरोध भी झेलना पड़ा। सपरिवार पहुंचे विजय बहुगुणा ने गंगा में पूरे परिवार के साथ स्नान किया। इस मौके पर विजय बहुगुणा ने कहा कि इलाहबाद से लौटने के बाद वह अपने अधिकारियों से मिलकर गंगा के हालत पर चर्चा करेंगे।

परमार्थ निकेतन सेंटर में चिदानंद स्वामी के यहां आज ग्रीन कुंभ संगोष्ठिस्न् का आयोजन किया गया था। इसमें भाग लेने के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा अपनी पत्नी सुधा बहुगुणा और भाई शेखर बहुगुणा के साथ गंगा को स्वच्छ करने के अभियान में शामिल हुए।
WD


गंगा प्रदुषण पर आधारित कार्यक्रम में विजय बहुगुणा के अलावा श्रीश्री रविशंकर भी मौजूद थे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने कहा कि सिर्फ गंगा का प्रदुषण ही हमारे लिए चुनौती नहीं बल्कि हमारे मन भी प्रदुषण से मुक्त होना चाहिए। जहां तक गंगा की मैली होने का प्रश्न है तो यह गंभीर बात है।

गंगा और यमुना दोनों ही उत्तरराखंड से निकलती हैं और गंगा में प्रदूषण की रोकथाम के लिए उन्होंने अपने राज्य में इंतजाम किए है। गंगा पर बांध बनाने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि हमारे राज्य और देश के विकास करने में उर्जा का उत्पादन आवश्यक है।

उत्तराखंड के कई इलाकों में पेयजल न होने और विकास न होने के कारण वहां से लोगों का पलायन हो गया है और हम इन बांध की सहायता से सभी को रोजगार और पेयजल मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है। जिससे वहां से पलायन न हो सके।
WD


इस मौके पर श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि गंगोत्री से निकली गंगा यहां आते आते मैली होती चली जा रही है जो एक गंभीर चिंता का विषय है। इस अवसर पर हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हम गंगा को और प्रदूषित नहीं करेंगे। ताकि गंगा गंगोत्री से गंगा सागर तक अविरल निर्मल बहती रहे।

इससे पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा स्वामी चिदानंद स्वामी के आश्रम परमार्थ निकेतन पहुंचे वहां से उन्होंने संगम जाकर सपरिवार स्नान किया स्नान करते समय उन्होंने अपने पूर्वजों की मोक्ष की कामना की। संगम में स्नान करने के बाद मुखयमंत्री सेक्टर 11 स्थित शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वतीजी के आश्रम पहुंचे। वहां उन्होंने शंकराचार्य से मुलाकात करने के बाद वहां चल रहे गंगा-यमुना सम्मेल्लन में हिस्सा लिया।
इलाहाबाद कुंभ, उत्तराखंड मुंख्यमंत्री विजय बहुगणा

बखिरा पक्षी विहार को संवेदनशील क्षेत्र घोषित करने का प्रस्ताव 10128536

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पर्यावरण दूत का काम कर रहे हैं दिल्ली के बच्चे 10125631

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Wednesday, February 6, 2013

संगम में गंगा का पानी काला पड़ा


संगम में गंगा का पानी काला पड़ा

लखनऊ फरवरी । गंगा को लेकर उत्तर प्रदेश और उतराखंड सरकार आमने सामने आ गई  है। कुम्भ में गंगा का पानी काला होता  जा रहा है जिसे लेकर आज कुम्भ में साधू संतों ने प्रदर्शन भी किया । मौनी अमावस्या से पहले अगर गंगा में पानी नहीं छोड़ा गया तो साधू संत इस पानी में स्नान नहीं करेंगे यह चेतावनी भी उन्होंने दी । इन लोगो का यह आरोप भी है कि गंगा में कानपुर में टेनरियों का पानी छोड़ना बंद नहीं किया गया है जिसके चलते कुम्भ में गंगा का प्रदूषित पानी बह रहा है  । इस मुद्दे को लेकर हिन्दू संगठन लामबंद हो रहे है । ख़ास बात यह है कि एक तरफ जहां साधू संतों का एक तबका भाजपा के साथ आकर गुजरात  के मुख्यमंत्री  नरेंद्र मोदी क उभरने में जुटा  है वही  आज कुछ संत समाजवादी रंग में नजर आए ।
 
दिल्ली  में छतरपुर स्थित शनिधाम  मंदिर के महंथ दाती  जी महाराज और इलाहाबाद  में झूसी स्थित क्रियायोग  आश्रम और रिसर्च सेंटर  के प्रमुख योगी सत्यम  का कहना है कि उत्तर  प्रदेश सरकार की कन्या  विद्याधन योजना गरीब  परिवारों की लड़कियों  के लिए एक वरदान की  तरह है। आर्थिक अभाव  में गरीब परिवारों की  लड़कियां अपनी पढ़ाई  पूरी नहीं कर पाती हैं।  कन्या विद्याधन योजना  शुरू होने के बाद गरीब  परिवारों की लाखों लड़कियों  को फायदा पहुंचा है।  इस योजना से गरीब परिवारों की लड़कियों को उच्च शिक्षा हासिल करने में काफी मदद मिल रही है। दातीजी  महाराज और योगी सत्यम  का कहना है कि गरीब  परिवारों में कन्या का  जन्म होना एक अभिशाप  माना जाता है। कन्या  विद्याधन योजना से गरीब  मां-बाप को बहुत सहारा  मिला है। गरीब माता-पिता  के मन में एक उम्मीद  जगी है कि वह इस योजना  के तहत मिलने वाली आर्थिक  मदद से अपनी बेटी को  पढ़ा-लिखाकर काबिल बना  सकेगा।
 
यह तो समाजवादी संतों की टिपण्णी थी पर दूसरे साधू संत गंगा के पानी को लेकर चिंतित है । उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर टिहरी  से गंगा का पानी नहीं छोड़ा गया तो शाही  स्नान का बहिष्कार किया जाएगा । अब इस राजनीति में उतराखंड सरकार  भी आ गई  है ।  गौरतलब है कि इससे पहले उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री   आजम खॉ ने इलाहाबाद कुम्भ में दूषित गंगाजल को लेकर उतराखंड सरकार पर इसकी जिम्मेदारी डालते हुए टिहरी डैम से पानी ना छोड़े जाने को इसकी वजह बताया था  । पर आज उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने साफ़ किया कि  टिहरी डैम से काफी पानी छिड़ा जा चुका है।
उन्होंने यह भी कहा कि  टिहरी डैम से लगातार कुम्भ के लिए पानी छोड़ा जा रहा है  । इसी वजह से  हरिद्वार तक गंगा पूरी तरह शुद्व है लेकिन हरिद्वार से आगे उत्तर प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी बनती है  । बहुगुणा ने आगे कहा कि  सरकार गंगा को स्वच्छ बनाने में हर सम्भव प्रयास कर रही है। पर इलाहाबाद तक आते आते गंगा मैली हो जा रही है यह एक और तथ्य है  । इसके लिए उत्तर प्रदेश की सीमा में बहने वाली गंगा में कई उद्योगों का जहरीला कचरा भी जिम्मेदार है तो उतराखंड में भी गंगा में जगह जगह नाले गिराए जा रहे है जिसे टिहरी में भी देखा जा सकता है  । यही वजह है उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री  आजम खॉ ने गंगा के प्रदुषण कोलेकर  उत्तराखण्ड सरकार को भी जिम्मेदार ठहराया  था पर कानपुर में जिस तरह गंगा में टेनरियों का कचरा फेका जा रहा है उसे वे भूल गए   
 

Monday, February 4, 2013

Always choose to heal, not to hurt,

Always choose to heal, not to hurt,
to forgive not to despise,
to persevere not to quit,
to smile not to frown,
and to love not to hate!
...
At the end of life, what really matters is
not what we bought, but what we built,
not what we got, but what we shared,
not our competence but our character,
and not our success but our significance.

Live a life that matters.
Live a life that cares...
and be Yourself

पर्यावरण संकट से मिलकर लड़े 10094920

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